दोस्तों इस आर्टिकल के द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ( Artificial Intelligence ) (कृत्रिम बुद्धिमता) और रोबोटिक्स के बारे में पूरी जानकारी देने कि कोशिश करुँगी जब से कंप्यूटर का अविष्कार हुआ है तब से इंसानो ने इसका इस्तेमाल काफी बढ़ा दिया है। वो इन्हे अपने सारे काम में लगा देते है।जिस से इन पर हम आजकल ज्यादा depend हो गए है। इंसानो ने इन मशीनो कि capability को काफी हद तक बढ़ा दिया है.
जैसे कि उनकी स्पीड (speed) , उनकी साइज और उनकी कार्य करने क्षमता।ता कि ये हमारे काम बहुत ही काम समय में कर सके ।आपने भी शायद ये ध्यान किया होगा कि आजकल जिसे देखो बी एस आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कि तारीफे करते रहते है।और अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो कोई बात नहीं। क्योंकि हम इस आर्टिकल के द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस क्या (what is Artificial Intelligence) है ? ये कैसे काम करता (How Artificial Intelligence Work full information) है ? ये कितना जरूरी है ? क्यों है ? इसकी जानकारी देने कि कोशिश करुँगी.
इंसानी सभ्यता के शुरु आती काल में ही मशीनों से काम लेने की कोशिशे शुरू हुई । इंसानी सभ्यता का जैसे:- जैसे विकास हुआ और एक दूसरे से मजबूत बनने की शुरू हुई मशीनों को लेकर इंसान की कल्पना आसमान से आगे जाने लगी । इंसान को उन देवताओं की तलाश थी जो सिर्फ मूर्ति में नर हे बल्कि साक्षात्प्रकट हो जाए । इंसानो के इर्द – गिर्द ऐसे दास हो जो उसके सोचने से पहले उसका तमाम काम निपटा दे । समय के साथ इंसान नेइ सलायक मानना शुरू कर दिया कि वे science के ज़रिए अपनी कल्पनाओं को साकार कर सके ।
Artificial Intelligence क्या है पूरी जानकारी हिंदी में
- मशीने (machine) इंसानो कि तरह सोचने लगे तथा इंसानो के सरे काम करें ये विचार भी एलेक्जेंड्रिया में जन्मेग्रीक विज्ञानी हेरोन ने 100 से ज्यादा मशीने तथा ऑटो मेटा का वर्णन किया इनमें एक फायर इंजन एक विंड ऑर्गन और एक भाप से चलने वाली मशीन बनायीं।
- कृत ज्ञतैरन तम ने एक भाप से चलने वाली यांत्रिक चिड़िया की कल्पना कि जिसका नाम pigeon (कबूतर ) रखा।
- 1088 में चीन में जन्मे सुसों गने एक ऐसा घंटा घर बनाया जिसमें एक यांत्रिक मूर्ति हर एक घंटे पर घंटा बजने का काम करती थी.
- इंसान जैसे रॉबर्ट का पहली बार जिक्र इब्न अल जज़री ने किया । अल जज़री ने 110 से ज्यादा यंत्र बनाने के तरीके बताये जिनमें शाफ्ट और गियर के ज़रिए रफ़्तार (speed) , चाल ( motion ) और गति विधियां को नियंत्रित (control) कि जा सकती थी अल जज़री ने पहली बार उस रॉबर्ट जैसी यंत्र के बारे में बताया जो इंसान जैसा दिखता है। लेकिन रॉबर्ट या मशीन इंसान के द्वारा संचालित किया जाता है। इंसान ने इस से आगे सोचना शुरू किया । इंसान ऐसी मशीने चाहता था जो खुद सोचे। हाल तके हिसाब से निर्णय ले । चीजों को इंसान कि तरह महसूस करे।
1950 के आस पास आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ( Artificial Intelligence )
पर काम शुरू हुआ । हालाँकि इस के बाद सोचने वाली मशीने को लेकर इंसानो के दिल में तमाम तरह के खौफ भी आये । 1984 में जेम्स कैमेरॉन ( james cameron ) की फिल्म में सोचने वाली मशीनो को दिखाया गया।
आर्टिफीसियलइंटेलिजेंस ( Artificial Intelligence ) कल्पना और साहित्य की दुनिया से निकल कर हमारी जिंदगी में चुपके – चुपके दाखिल हो रही है। हमारी washing machine , टीवी , फ्रीज़ ( freez ) और एक यंत्रकि प्रोग्राम (Program ) की हिसाब से निर्णय लेते है।दफ्तरों में मशीने लग रही है जो इंसानो की तमाम काम कर रही है। रॉबर्ट अब एक मशीन नहीं रह गयी है वह हमारी तरह सोचने लगी है।चीजों को महसूस करने लगे हैं। इंसान की तरह व्यवहार कर रहे है। अब ऐसी मशीने है जो हर रोज नया सीखती है। तथ्यो को समझती है तर्क देती है। और विचारों पर अपनी प्रति क्रिया भी देती है
आप फेसबुक इस्तेमाल करते है तो आपको suggested friend की सूची हमेशा मिलती है।सवाल ये है की ये कौन है जो आपको नए दोस्तों के बारे में suggest कर रहा है।आप इंटरनेट पर काम कर रहे और अचानक आपके पसंद दीदा जूतों और कपड़ो की shell की ऑफर आती है क्या आपने सोचा है ये कौन है जो आपके पसंद ना पसंद के बारें में पूरी जानकारी रखता है।
आपने अपने दोस्तों को अपने apple फ़ोन पर से बात करते हुए सुना होगा। सवाल ये है कि एक फ़ोन आपके सवालों का जवाब कैसे दे रहा है। ये सब Artificial Intelligence का हिस्सा है।अगर आप सोचते है दोस्तों से चैटिंग करते हुए या वीडियो देखते हुए या गूगल पर कुछ सर्च करते हुए आप अकेले है तो आप बिलकुल गलत है। दरअसल इंटरनेट कि आभासी दुनिया में हर वक्त सैकड़ो अल्गोरिथम और लाखो कोड्स मौजूद रहते है। ये आपको सुनते है समझते है और आप से बात भी करते है।इन कोड्स और अल्गोरिथम कि दुनिया ही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कि दुनिया है।
आर्टिफीसियलइंटेलिजेंस (Artificial Intelligence )
(कृत्रिमबुद्धिमतायाकृत्रिमदिमाग ) :-
एक नया फील्ड सामने आया है जिसे लोग आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कहते है। जो कि मूल रूप कंप्यूटर साइंस (Computer Science ) का ही branch है। जिसका मुख्य काम ये है कि ऐसे इंटेलिजेंस मशीने (Intelligence machine ) बनाये जो कि इंसानो के जैसे ही बुद्धिमान हो और जिस में खुद decision लेने कि क्षमता हो। जिससे वो हमारे काम और भी आसान कर सके। ये एक ऐसा simulation है जिसमें मशीनो को इंसानी इंटेलिजेंस दिया जाता है अथार्त उनके दिम्माग को इतना उन्नत किया जाता है कि वो इंसानो कि तरह सोच सके और काम कर सके । ये खास कर कंप्यूटर सिस्टम (Computer System ) में ही किया जाता है।
इस प्रक्रिया में मुख्यतः तीन प्रोसेसेज ( Process ) शामिल है
1.लर्निंग (LEARNING):- जिसमें मशीनो के दिमाग में इन्फोर्मेशन (information ) डाली जाती है।और उन्हें कुछ रूल्स भी सिखाये जाते है।जिससे कि वो उन पर दिए गए रूल्स का पालन करके किसी दिए हुए कार्य को पूरा करें।
2 . रीजनिंग ( REASONING):- इसके अंतर्गत मशीनों को ये इन्सर्ट किया जाता है कि उन पर बनाये गए रूल्स का पालन करके रिजल्ट के तरफ अग्रसर हो । जिससे कि उन्हें approximate या डेफिनिट conclusion हासिल हो।
3 .सेल्फकरेक्शन (SELF CORRECTION ):-अगर हम आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर्टिकुलर एप्लीकेशन की बात करें तो इसमें एक्सपर्ट सिस्टम ( Expert System ), स्पीच रिकग्निशन ( Speech Recognition ), और मशीने विज़न ( Machine Vision ) शामिल हैं।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है कि वो इंसानो कि तरह ही सोच सके।कैसे इंसानी दिमाग किसी भी प्रॉब्लम को पहले सीखती है फिर उसे प्रोसेस करती है decide करती है कि क्या करना उचित होगा फिर finally उसे कैसे solve करते है उसके बारे में सोचती है उसी प्रकार आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ( ARTIFICIAL INTELLIGENCE ) में भी मशीनों को भी इंसानी दिमाग कि सारी काबिलयत दी गयी है। जिससे कि हमारी तरह बेहतर काम कर सके।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (ARTIFICIAL INTELLIGENCE ) के बारे में सबसे पहले जॉन मककार्थी (John McCkarthy ) ने दुनिया को बताया था। जॉन मककार्थी एक अमेरिकन कंप्यूटर साइंटिस्ट ( American Computer Scientist ) थे।जिन्होंने सबसे पहले इस टेक्नोलॉजी ( Technology ) के बारे में सन 1956 में THE DARTMOUTH CONFERENCE में बताया।आज ये एक पेड़ कि तरह बहोत बड़ी हो गयी है। और सारी रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन ( Automation Process Automation ) से एक्चुअल रोबोटिक्स ( Actual robotics ) तक सभी चीजें इसके अंतर्गत आती है।और कुछ पल में इसने बहुत पब्लिसिटी गेन कर ली है। क्योंकि इसमें बिग डाटा ( Big Data ) कि Technology भी शामिल है।और इसकी दिनों दिन बढ़ती हुई साइज ( SIZE ), स्पीड ( SPEED ), व रिटी ऑफ़ डाटा बिज़नेस से बहुत से कम्पनीज (COMPANIES ) इसटेक्नोलॉजी को अपना ना चाहते है.
अगर मैं आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की बात करू तो इसकी मदद से रौ डाटा में पैटर्न को IDENTIFY करना आसान हो गया है।वहीं इंसानो द्वारा बहुत गलतियां होती है इससे कम्पनीज को कम समय में डाटा के ऊपर ज्यादा इन साइड प्राप्त होता है। जब इंसान
कंप्यूटर की असलीता की खोज कर रहा था तब अधिक जानने की इच्छा ने उसे ये सोचने में बाध्य किया कि क्या मशीन भी हमारी तरह सोच सकते है ? और इसी तरह ही ARTIFICIAL INTELLIGENCE कि DEVELOPMENT कि शुरु आत हुई ।जिसका सिर्फ एक ही उद्देस्य था कि एक ऐसी इंटेलिजेंस मशीन कि संरचना कि जाए जो कि इंसानो कि तरह ही बुद्धिमान हो और हमारी तरह सोच सके।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ( ARTIFICIAL INTELLIGENCE ) का लक्ष्य
- आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का लक्ष्य EXPERT SYSTEM बनाना।
- कुछ ऐसे सिस्टम को बनाना जो की इंटेलीजेंट behavior प्रदर्शन कर सके. जो की learn कर सके. Demonstrate , Explain इसके साथ ही अपने यूजर को advice कर सके.
- Human Intelligence को मशीन में इम्प्लीमेंट करना। ऐसी सिस्टम बनाना जो की इंसानो की तरह ही समझ, सोच ,सीख OR behave कर सके.
आर्टिफीसियल तकनीक क्या है (WHAT IS ARTIFICIAL TECHNIQUE ):-
अगर हम REAL वर्ल्ड की बात करे तब ज्ञान की कुछ अजीबो गरीब विश्व सनीयता है।जैसे की इसकी वॉल्यू मबहुत ही ज्यादा है या अकल्पनीय है। यह पूरी तरह से WELL ORGANISED OR WELL FORMATTED नहीं है. इसके साथ साथ ये निरंतर बदलता रहता है.
आर्टिफीसियल तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिससे की हम ज्ञान या KNOWLEDGE को ऐसे ORGANISED WAY में रखते है की जैसे हम इसका इस्तेमाल बहुत ही एफिशिएंसी (Efficiency) के साथ कर सके जैसे की –
- ये पढ़ने और समझने योग्य होना चाहिए। जो लोग इसे प्रोवाइड करते है।
2. ये आसानी से मॉडिफाई करने योग्य होना चाहिए जिससे की इसकी Resource को और आसानी से सुधारा जा सके.
3. ये बहोत सी जगहों में उसे फुल होना चाहिए। हालाँकि incomplete और inaccurate हो.
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के प्रकार ( types of artificial intelligence ):-
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को बहुत से प्रकार में define किया गया है लेकिन उनमे से जो मुख्यः है. वो है:-
1 वीक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ( WEAK ARTIFICIAL INTELLIGENCE ):- इस प्रकार के आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को NARROW ARTIFICIAL intelligence कहा जाता है।इस आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस SYSTEM को कुछ इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि ये केवल एक PARTICULAR TASK ही करे।उदहारण के तौर पर VIRTUAL PERSONAL ASSISTANTS SUCH AS APPLE’S एक वीक आर्टिफीसियल इंटेलिजेस का बहुत बढ़िया उदहारण है।
2 स्ट्रांग आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Strong Artificial):- इस प्रकार के आर्टिफीसियल इंटेल्लिगेन्स को जनरल आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस भी कहा जाता है।इस प्रकार के आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सिस्टम में गेनेरलीज़ेड मनुष्य कि बुद्धिमता होती है। जिसमे कि ये समय आने पर इसे कोई TYPICAL TASK दिया जय तो ये आसानी से उसका SOLUTION निकल सकता है। इस DURING TEST को MATHEMATICIAN ALAN TURING द्वारा सन 1950 में DEVELOP किया गया था।जिसका इस्तेमाल ये जानने के लिया किया गया था कि क्या कंप्यूटर भी इंसानो की तरह सोच सकते है कि नहीं.
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंसके उदाहरण:-
ऑटोमेशन (Automation ):- ये एक ऐसी प्रकिर्या है जिससे की सिस्टम ( System ) और प्रोसेस फंक्शन ( Process Function) को Automatic कर दिया जाता है। उदहारण के तौर पर रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन ( Robotics Process automation ) को program किया जाता है। ता कि वो high volume , repeatable task को आसानी से कर सके.
Artificial Intelligence क्या है पूरी जानकारी
मुझे उम्मीद है दोस्तों की आपको ये article पढ़ने में काफी जायदा मज़ा आया होगा की (what is Artificial Intelligence full information in hindi), (How Artificial Intelligence Work full deatils infrmation in hindi) सारा कुछ मैंने बताने का पूरी कोसिस क्या है. ताकि आपको हर एक चीज की जानकारी मिल सके इस article को पढ़ने के बाद.
मुझे हमेशा यही आशा रहता है की जो भी rahindi website पे आये उसको हर एक question का answer मिल सके.
तो मुझे आशा है की आपको सारा कुछ का answer मिल गया होगा लेकिन फिर भी आपको कोई doubt या question है इस पोस्ट के related तो आप मुझे comment section में पूछ सकते है में इसका reply जरूर दूंगी. Author By:- Gajala Praween