होली पर निबंध सरल भाषा में – Essay on Holi in Hindi

दोस्तों आज की आर्टिकल में हम आपको होली पर हिन्दी निबंध सरल भाषा में (Essay on holi in hindi) के बारे में बताएंगे यानी की Holi par Nibandh kaise Likhe इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे और ये आर्टिकल Class 1 से लेकर 12th तक स्टूडेंट के लिए बहुत अच्छा होगा और ये आर्टिकल 1600 words का होगा खेर आपको ये आर्टिकल पूरा पढ़ना है।

पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं हमारे देश में हर महीने कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। होली हमारे देश का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है और आज होली पूरे विश्व में मनाया जाता है होली का त्योहार रंगों का त्योहार है इस दिन हम लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और होली मनाते हैं होली मनाने का एक उद्देश्य है कि हम एक दूसरे के जीवन में रंग भर दे और अपने लोगों के जिंदगी में खुशियां लाएं।

Essay on holi in hindi
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होली का त्यौहार सिर्फ रंगों का त्योहार ही नहीं ऊर्जा का भी त्यौहार है इस दिन सभी लोगों में एक खास तरह की उर्जा उत्पन्न होती है और यह ऊर्जा लोगों की खुशी के कारण उत्पन्न होती है। इस दिन भूढ़े और बच्चे सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं रंग बिरंगे गुलाल इस दिन हवा में उड़ते हैं घरों में अनेक प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं।

होली पर निबंध सरल भाषा में – Essay on Holi in Hindi

होली के त्यौहार को चौहान का त्यौहार भी कहा जाता है आज होली का त्योहार हमारे देश के हर धर्म के लोग मनाते हैं क्योंकि हर एक त्यौहार का एक ही उद्देश्य होती है हम सभी के बीच में खुशियां बांटना और होली के त्यौहार में भी यह खुशियां हम रंगों के द्वारा लोगों के साथ बाटते हैं।

होली के रंगों का बहुत ही महत्व हमारी जिंदगी में है। यह कहा जाता है कि होली के रंग लोगों के जिंदगी में खुशियों के रंग लाती हैं इस दिन सभी लोग अपने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे से मिलते हैं और रंग लगाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं।

होली मुख्य तौर पर हिंदू का पर्व है पर आज यह पर्व हर धर्म के लोग बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं। होली का त्यौहार मुख्य तौर पर भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है होली को प्रेम का प्रतीक नहीं माना जाता है क्योंकि श्री कृष्ण प्रेम के पुजारी थे और फागुन का महीना भी प्यार का महीना होता है और इसी वक्त होली का त्यौहार मनाया जाता है।

होली का त्योहार मार्च महीने में मनाया जाता है यह त्यौहार फागुन मार्च में मनाया जाता है इस समय मौसम बहुत ही सुहाना होता है चारों तरफ हरियाली होती है। होली के समय मौसम में एक अलग ही प्रेम और उल्लास की हवा बहती है इस वक्त लोग बहुत ही खुश मिजाज रहते हैं और बहुत ही हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं आज होली सिर्फ भारत में ही नहीं पूरे विश्व में मनाया जाता है।

होली के दिन सारे सरकारी तथा प्राइवेट संस्थान और शिक्षण संस्था ने बंद रहती हैं इस दिन किसी भी तरह का सरकारी कार्य नहीं होता है लोगों को होली मनाने की छुट्टी दी जाती है। स्कूल के छात्र 1 दिन पहले ही अपने दोस्तों के साथ स्कूल में होली मना लेते हैं या तो वह होली के 1 दिन बाद स्कूल में होली मनाते हैं।

होली का त्योहार हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा मायने रखता है क्योंकि होली का त्योहार हमारे जीवन में लाए खुशियां का रंग लाता है और हमें लोगों के जिंदगी में खुशियों के रंग भरने के लिए प्रेरित करता है यह हमारे जीवन में नई प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न करती है।

होली के रंग खुशियों का प्रतीक है जैसे हम रंगों से लोगों को रखते हैं ठीक उसी तरह खुशियों से लोगों के जिंदगी को रंग दे।

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होली का इतिहास (History Of Holi in Hindi)

होली के त्यौहार में एक बहुत ही प्राचीन कथा प्रचलित है। हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर था जोकि अपने प्रजा पर बहुत ही ज्यादा अत्याचार करता था उसकी बहन का नाम होलिका था यह असुर खुद को भगवान मानता था और लोगों को भगवान श्री विष्णु की पूजा करने से रोकता था और उन्हें मजबूर करता था कि वह इस असुर की पूजा करें.

पर हिरण्यकश्यप का 1 पुत्र जिसका नाम प्रह्लाद है वह भगवान श्री विष्णु का परम भक्त था उसके पिता के मना करने के बाद भी प्रहलाद भगवान श्री विष्णु की पूजा करते थे। हिना कश्यप ने नाराज होकर अपनी बहन होलिका से अपने पुत्र को मार डालने को कहा उन्होंने अपनी बहन को एक वस्त्र दिया जो कि उन्हें वरदान में प्राप्त हुआ था.

इस वस्त्र को पहन कर कोई भी व्यक्ति आग में जा सकता है और उस वस्तु को पहनकर प्रहलाद को अपनी गोद में बैठाकर अग्नि में प्रवेश कर लिया प्रहलाद उसकी गोद में बैठकर भगवान श्री  विष्णु के प्रार्थना करने लगे भगवान श्री विष्णु ने प्रहलाद को आग से बचा लिया और होलीका उस वस्त्र को पहनने के बावजूद भी आग से बच नहीं पाए और उसी अग्नि में होलिका का दहन हो गया।

इसीलिए होली से 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस दिन को अच्छाई की बुराई पर जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

होली का पर्व सिर्फ प्रेम और प्रेमिका के लिए ही नहीं बल्कि माता पिता भाई बहन पिता पुत्र के प्रेम को भी दर्शाता है। इस पर्व में रंगों के द्वारा लोग अपने रिश्ते को मजबूत करते हैं। होली के साथ में छोटे गुलाल लेकर अपने बड़े के पैरों में गुलाल लगाते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं।

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होली की तैयारी (Holi Preparations)

होली पर्व की तैयारी मार्च की शुरुआत से ही शुरू हो जाती है लोग होली पर्व के लिए नए नए कपड़े खरीदते हैं घरों की सफाई करते हैं तथा त्यौहार में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को घर में बनाया जाता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में होली के दिन एक खास प्रकार का मिष्ठान बनाया जाता है जिसे मालपुआ कहा जाता है या बिहार और उत्तर प्रदेश में बहुत ही प्रसिद्ध है इस व्यंजन के बिना होली के पर्व को अधूरा ही माना जाता है।

बहुत से इलाकों में 1 सप्ताह पहले से ही ढोल ताशे मंजीरे जैसे पुराने वाद्य यंत्रों के द्वारा फागुन के गीत गाए जाने लगते हैं हर दिन शाम में गांव के युवा और बूढ़े बुजुर्ग लोग फागुन के गीत को गाते हैं और अपने इलाके को फागुन के रंग में रंगते हैं।

होली के पर्व में बच्चे और सभी लोग रंगों को खरीदने के लिए बाजार जाते हैं तथा पिचकारी तथा अन्य बहुत सारी रंगों की और होली की सामग्रियों को खरीदते हैं।

पहले के समय में लोग पलाश के फूल से रंग बनाते थे और अभी भी बहुत सारे गांव में पलाश के फूल से रंग बनाया जाता है पर आजकल बाजार में बहुत सारी रेडीमेड रंग आ गई है और इनका चलन भी बहुत तेजी से बढ़ गया है रेडीमेड रंगों के कारण लोगों को बहुत ज्यादा नुकसान भी होता है इन रंगों से हमारे चेहरे को नुकसान पहुंचता है क्योंकि इन रंगों में कुछ तरह के केमिकल मिलाया जाते हैं।

हमें अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ही इस पर्व को मनाना चाहिए क्योंकि इस पर्व में हम अपनी त्वचा पर रंग लगाते हैं जिसके कारण त्वचा पर बहुत खास असर पड़ता है और साथ ही साथ हम पानी क भी सही उपयोग नहीं करते हैं हमें इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए इस पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए।

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 1  भारत के विभिन्न इलाकों में होली के त्यौहार

हमारे देश के विभिन्न विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की होली मनाई जाती है होली सिर्फ खुशियों का ही प्रतीक नहीं है होली प्रेम का भी प्रतीक है और हमारे देश के बहुत सारे क्षेत्र में होली को एक प्यार के त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है।

 2  ब्रजभूमि की होली

ब्रजभूमि के होली बहुत ही रोमांचक होली में से एक है। यहां पर पुरुष पिचकारी से महिलाओं को रंग लगाते हैं जबकि महिलाएं इन पिचकारी से बचने के लिए उसका उपयोग करती है। यह होली हमारे देश में बहुत ही प्रसिद्ध है इसे बृज की लट्ठमार होली कहते हैं।

इस होली को मनाने की चलन श्री कृष्ण के समय से ही है श्री कृष्ण ब्रिज भूमि के थे जबकि राधा बरसाना गांव की थी श्री कृष्णा होली में राधा को रंग लगाने जाते थे और राधा उनके पिचकारी से बचने के लिए लठ का उपयोग करती थी और उसी वक्त से ब्रजभूमि में श्री कृष्ण और राधा की प्रेम के प्रतीक में लट्ठमार होली मनाई जाती है।

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 3  मथुरा वृंदावन की होली

हमारे देश में सबसे प्रसिद्ध मथुरा और वृंदावन के होली है यहां पर होली का पर्व 16 दिन तक मनाया जाता है लोग 16 दिन तक होली के संगीत का मजा उठाते हैं यहां पर मथुरा में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर पर बहुत ही धूमधाम से होली मनाई जाती है हमारे देश के हर इलाके से लोग होली मनाने मथुरा और वृंदावन जाते हैं.

क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन का सारा समय मथुरा वृंदावन में ही बिताया है। इसीलिए मथुरा को प्रेम की भूमि भी कहते हैं मथुरा का सबसे प्रसिद्ध त्योहार होली का त्योहार है। इस दिन यहां पर अनेकों प्रकार के रंग अबीर और गुलाल लाए जाते हैं लोग इन गुलाल और अभी से श्री कृष्ण की पूजा भी करते हैं और अपने सगे संबंधियों को रंग भी लगाते हैं।

 4  महाराष्ट्र गुजरात के होली 

(Holi of Maharashtra Gujarat): महाराष्ट्र और गुजरात के होली में लोग मटकी फोड़ का आयोजन करते हैं उनका मानना है कि होली के दिन भगवान श्री कृष्ण मटकी फोड़ के जैसे माखन खाते थे उन्हीं के प्रतीक के रूप में मटकी फोड़ का आयोजन किया जाता है.

इस दिन बहुत सारे लोग मटकी फोड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं और इस प्रतियोगिता में सफल होने वाले टीम को बहुत ही आकर्षक उपहार दिया जाता है।

 5  बिहार की होली 

(Holi Of Bihar): बिहार की होली हमारे देश की सबसे प्रसिद्ध होली में से एक है यहां पर लोग 1 सप्ताह पहले से ही फागुन के गीत गाने शुरू कर देते हैं हर दिन शाम में घर के बूढ़े बुजुर्ग और युवा लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं.

और फागुन के गीत को गाते हैं बिहार के होली में एक अलग ही प्रेम की प्रेम की भावना होती है। होली के दिन सारे युवा और बूढ़े बुजुर्ग फागुन के गीत गाते हुए पूरे गांव का चक्कर लगाते हैं और होली का त्यौहार मनाते हैं।

 5  बंगाल की होली

Holi of Bangal: बंगाल की होली को डोल पुर्णिमा भी कहा जाता है इस दिन लोग डोली में राधा कृष्ण की प्रतिमा को निकालते हैं और पूरे गांव में घूमते हैं। इस जुलूस के साथ लोक भजन कीर्तन भी करते हैं और साथ ही साथ रंगों से भी खेलते हैं।

Conclusion 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको ये आर्टिकल पढ़के बहुत अच्छा लगा होगा की होली पर हिन्दी निबंध सरल भाषा में (Essay on holi in hindi) के बारे में बताएंगे यानी की Holi par Nibandh kaise Likhe इसके बारे में पूरी जानकारी दिए खेर अगर आपको ये आर्टिकल पढ़ के अच्छा लगा हो तो दोस्तों के साथ भी शेयर कर देना।

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