जन्माष्टमी पर निबंध सरल भाषा में – Essay on Janmashtami in Hindi

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको जन्माष्टमी पर निबंध सरल भाषा में – Essay on Janmashtami in Hindi के बारे में बताएंगे यानी की Janmashtami par Nibandh kaise Likhe इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे यानी की आपको Janmashtami par 1200 words का essay मिलेगा इसलिए ये आर्टिकल पूरा धेयान से पूरा पढ़ना है। आपके लिए हेलफुल साबित होगी।

हिंदुओं के देवता श्री कृष्ण के जन्मदिन के अवसर में जन्माष्टमी की पूजा मनाई जाती है। श्री कृष्ण हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व रखते हैं उन्हें प्यार के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है उन्होंने समाज कल्याण और धर्म और न्याय के स्थापना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हमारे देश में इस पर्व को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

Essay on Janmashtami in Hindi

जन्माष्टमी को हमारे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ हर जगह मनाया जाता है जन्माष्टमी के त्यौहार में लोगों में बहुत ही खुशियां छा जाती है लोग अपने बच्चों को श्री कृष्ण की तरह सजाते हैं। जन्माष्टमी पर्व को 12:00 बजे रात में मनाया जाता है क्योंकि श्री कृष्ण का जन्म भी इसी वक्त हुआ था श्री कृष्ण ने लोक कल्याणकारी के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाई है।

जन्माष्टमी पर निबंध सरल भाषा में – Essay on Janmashtami in Hindi

जन्माष्टमी में लोग अपने घरों को बहुत ही अच्छे से सजाते हैं तथा मंदिरों को भी बहुत अच्छे से सजाया जाता है इस दिन घरों और मंदिरों में रासलीला का आयोजन किया जाता है घरों में बच्चों को बहुत ही अच्छे से सजाया जाता है ताकि वह श्री कृष्ण का स्वागत कर सकें घरों में श्री कृष्ण के गीत गाए जाते हैं अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं।

श्रीकृष्ण को मिठाइयां और माखन बहुत पसंद है इसीलिए घर में माखन से बनी मिठाइयां बनाई जाती हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी आज पूरे विश्व में मनाया जाता है। श्री कृष्ण युवा युवाओं के देवता हैं उन्होंने समाज के लिए बहुत ही कार्य किए हैं और इसीलिए आज भी लोग श्री कृष्ण की पूजा बहुत ही धूमधाम के साथ करते हैं.

श्री कृष्ण के जन्मदिन को लोग बहुत ही धूमधाम के साथ अपने घरों में मनाते हैं इस दिन घरों में अलग-अलग प्रकार की पूजा की जाती हैं घर के लोग इस दिन उपवास रखते हैं और रात्रि में श्रीकृष्ण का स्वागत अपने घर में करते हैं।

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जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है (Why Janmashtami is Celebrated in Hindi)

जब भी संसार में अधर्म अन्याय पाप अत्याचार और बुरे लोगों का अत्याचार इस संसार में बड़ा है तब-तब भगवान कई रूपों में आकर इस संसार को अधर्म अन्याय अत्याचार से मुक्त कराया है और यहां पर धर्म और न्याय की स्थापना की है श्री कृष्ण भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली अवतार में से एक हैं उनका जन्म भी इस समाज को अधर्म अन्याय और पाप से मुक्त कराना था।

श्री कृष्ण के मामा राजा कंस बहुत ही क्रूर और अधर्मी राजा थे उन्होंने अपने प्रजा के ऊपर बहुत ही अत्याचार किया। एक दिन उनको यह पता चला कि उनकी बहन देवकी के आठवें पुत्र उनका वध करेंगे इसके बारे में जानते हुए ही उन्होंने अपने बहन देवकी और उनके पति वासुदेव को बंधक बना लिया।

देवकी ने अपने हाथों पुत्रों का जन्म अपने भाई के कारागार में दिया पर कंस ने उनके सातों पुत्र को मार दिया जब उनका आठवां पुत्र श्री कृष्ण हुए तब बहुत ही चमत्कार हुए कारागार के दरवाजे खुद-ब-खुद खुल गए और वासुदेव अपने पुत्र को लेकर गोकुल चले गए वहां उन्होंने अपने पुत्र की जिम्मेदारी अपने मित्र नंद को सौंपी।

श्री कृष्ण का जन्म हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन महीने के श्री कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र में हुआ था इसीलिए आज भी श्रीकृष्ण के जन्मदिन और श्री कृष्ण का स्वागत रात्रि के समय ही की जाती है।

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श्री कृष्णा बचपन से ही बहुत नटखट है वह गोकुल में गोपियों को बहुत ही तंग करते थे उनके माखन के हांडी फोड़ देते थे और लोगों के घर से माखन चुरा कर खाते थे पर श्री कृष्ण की मुस्कान के आगे यह सब चीज फीके पड़ जाते हैं श्री कृष्ण नटखट के साथ-साथ आध्यात्मिक और चमत्कारिक शक्तियों के मालिक थे.

उन्होंने अपने बचपन में ही बहुत ही चमत्कारिक कार्य किए उन्होंने कालिया नाग को मुक्त कराया और कंस द्वारा भेजे जा रहे राक्षसों का भी वध किया।

श्री कृष्ण ने गोकुल वासियों को और समाज को हमेशा अत्याचार से बचाया उनके चमत्कार भरी कहानियां बहुत ही हैं उन्होंने मथुरा जाकर समाज को कंस का अत्याचार से भी मुक्त कराया।

श्री कृष्णा को प्रेम के पुजारी भी कहा जाता है उन्होंने समाज के हर तबके के साथ बहुत ही प्रेम किया उनकी प्रेम की दीवानी गोपियां बहुत ही असहाय हो गई थी जब उन्होंने गोकुल छोड़कर मथुरा में वास किया था आज भी पूरे विश्व में राधा कृष्ण की प्रेम गाथा और प्रेम की पूजा की जाती है।

श्री कृष्ण ने समाज के लोगों को प्रेम और आदर और धर्म और न्याय के रास्ते में चलना सिखाया। श्री कृष्ण एक भगवान है और सभी लोग उनसे बहुत ही प्यार और श्रद्धा रखते हैं इसीलिए हर एक दंपति यह चाहता है कि उनका बच्चा  भी कृष्ण जैसा हो और इसलिए हर घर की महिलाएं और बहुत से पुरुष भी इस पर्व के लिए व्रत रखते हैं और पूजा अर्चना करते हैं।

श्री कृष्णा का महत्व हमारे धर्म में बहुत ही अधिक है आज श्री कृष्ण के भक्त पूरे विश्व में हैं। हर एक धर्म के लोग आज से कृष्ण की पूजा करते हैं क्योंकि श्री कृष्णा को प्रेम का पुजारी भी माना जाता है।

श्री कृष्ण के हर गाथा हमें प्रेम और समाज कल्याण के कार्य के लिए प्रेरित करती है और प्रेम और समाज कल्याण कार्य हर एक धर्म के लिए महत्व है इसीलिए आज हर धर्म के लोग श्रीकृष्ण को अपना भगवान मानते हैं।

जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है

Janmashtami के दिन हमारे देश में सरकारी तथा निजी दफ्तर विद्यालय और सारे शैक्षणिक संस्थान बंद रहते हैं। Janmashtami पर्व के शुभ अवसर पर सारे मंदिरों को बहुत ही अच्छे तरीके से सजाया जाता है खास करके इस मंदिर को एक अलग ही रूप से सजाया जाता है.

इस पर्व पर मंदिरों में रासलीला का आयोजन की जाती है तथा भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है लोग मंदिरों में जाते हैं और भजन कीर्तन का आनंद उठाते हैं और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं इस दिन मंदिरों में अलग-अलग प्रकार के व्यंजन प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं।

लोग अपने घरों को भी बहुत ही सुंदर ढंग से सजाते हैं वह अपने घरों में बच्चों के पालने को फूलों और लाइटों से सजाते हैं लोग अपने घरों में बहुत सारे खिलौने भी लाते हैं।

लोग इसी पालने में रात्रि 12:00 बजे श्री कृष्ण का स्वागत करते हैं और उनके जन्मदिन को मनाते हैं इस पर्व में लोग उपवास रखते हैं और रात की पूजा अर्चना के बाद ही अपना उपवास तोड़ते हैं।

Janmashtami के दिन लोग अपने बच्चों को श्रीकृष्ण की तरह सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी में बच्चों की पूजा की जाती है इस दिन बहुत सारी झांकियां भी निकाली जाती हैं।

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Janmashtami के दिन दहीहंडी की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है श्री कृष्ण मक्खन के दीवाने थे उन्होंने मक्खन खाने के लिए गोपियों की मक्खन के हांडी फोड़ देते थे इसी के प्रतीक में दहीहंडी प्रतियोगिता रखी जाती है.

इसमें बहुत से लोग भाग लेते हैं। हर टीम एक पिरामिड बनाकर दहीहंडी को फोड़ने का कोशिश करते हैं जो भी टीम दहीहंडी को फोड़ देती है वह विजेता घोषित होती है और उन्हें बहुत सारे पुरस्कार और उपहार दिए जाते हैं।

श्री कृष्ण Janmashtami का एक अलग ही रूप हमें मथुरा और वृंदावन में देखने को मिलता है क्योंकि मथुरा और वृंदावन श्री कृष्ण की जन्मस्थली है और यहां पर इस पर्व को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस दिन पूरे मथुरा को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है.

चारों तरफ फूलों की खुशबू और एक अलग ही श्रीकृष्ण की हवा बहती है मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में भव्य समारोह का भी आयोजन किया जाता है हमारे देश के अलग-अलग कोने से लोग मथुरा वृंदावन जन्माष्टमी का पर्व मनाने के लिए जाते हैं।

श्री कृष्ण Janmashtami हिंदुओं के बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व में से एक है और इससे सभी लोग आज बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं।

तो दोस्तो मुझे उम्मीद है की आपको ये आर्टिकल पढ़ कर अच्छा लगा होगा की जन्माष्टमी पर निबंध सरल भाषा में कैसे लिखे (Essay on Janmashtami in Hindi) पूरी निबंध लिखे है तो आपको जरूर हेल्प हुआ होगा अगर अच्छा लगा होगा तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कर देना।