दोस्तों आज की आर्टिकल में हम आपको शिक्षक दिवस पर निबंध सरल भाषा में (Essay on Teachers Day in Hindi) के बारे में बताएंगे यानी की Teachers Day par Nibandh kaise Likhe इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे और ये आर्टिकल Class 1 से लेकर 12th तक स्टूडेंट के लिए बहुत अच्छा होगा और ये आर्टिकल 1500 words का होगा खेर आपको ये आर्टिकल पूरा पढ़ना है।
हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण इंसान शिक्षक होते हैं शिक्षक हमारे जीवन को और हमारे हुनर को एक आकार देते हैं. बिना शिक्षक के हर एक इंसान की जिंदगी अधूरी होती है। शिक्षक इस समाज को एक नया आयाम और समाज को आकार देती है. किसी भी देश के लिए उसके विकास में सबसे ज्यादा अहम भूमिका शिक्षक की होती है।
शिक्षक की उस देश की भविष्य को निखारती है शिक्षक देश के युवाओं को हुनरमंद और शिक्षक बनाते हैं। बिना शिक्षा का इस संसार कल्पना भी नहीं कर सकते हैं देश की संरचना में एक अहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन में एक बैकग्राउंड संगीत की तरह काम करते हैं जो कि सबके सामने तो नहीं आते पर मंच पर हमारे भूमिका को सुंदर बनाते हैं।
शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay on Teachers Day in Hindi)
शिक्षक की महत्वता को और शिक्षक का आभार व्यक्त करने के लिए हमारे देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हर साल 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के अवसर पर हम शिक्षक दिवस मनाते हैं।
इस दिन हम अपने शिक्षकों को उनके कठिन परिश्रम और कल्याणकारी कार्यों और हमें शिक्षा देने के लिए आभार व्यक्त करते हैं। हम हमेशा शिक्षकों के ऋणी रहते हैं क्योंकि वे अपने बहुत ही महत्वपूर्ण समय हमारे भविष्य और हमारे संस्कार को आकार देने में लगाते हैं.
हम इस ऋण को कभी चुका तो नहीं सकते पर शिक्षकों का आभार व्यक्त करने के लिए हर वर्ग शिक्षक दिवस मनाते हैं इस दिन हम लोग शिक्षकों के सम्मान में कुछ प्रोग्राम का आयोजन करते हैं उन्हें उपहार देते हैं। तथा उनसे आशीर्वाद लेते हैं।
आज हम जितना भी विकसित हैं और जो भी विज्ञान की तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन सब का श्रेय हमारे शिक्षकों को ही जाता है शिक्षक हमारे विकास के लिए हमारी पहली सीढ़ी होती है और हम इसी सीढ़ी के द्वारा अपने सफलता तक पहुंचते हैं। शिक्षक का महत्व हमारे जीवन में अतुल्य हैं।
जब दूसरे विश्व युद्ध में जापान में परमाणु हमला हुआ था तब जापान पूरी तरह से तबाह हो चुका था और जापान की फिर से उठ खड़ा होने की आज खत्म हो चुकी थी पर वहां के शिक्षकों ने अपने देश को अपने ज्ञान से सिंचा और अपने देश को पूरे विश्व में एक सुपर पावर के द्वार पर खड़ा करके दिखाएं।
वहां के शिक्षकों ने दिन रात मेहनत करके अपने युवा को शिक्षित तथा हुनरमंद बनाया और आज जापान विश्व में एक सुपर पावर है और इसका श्रेय भी वहां के शिक्षकों को जाता है जिन्होंने पूरी तरह से तबाह हो गए जापान को कुछ ही समय में एक सुपर पावर बना कर खड़ा कर दिया।
शिक्षक देश की विकास की रीड की हड्डी होती है क्योंकि शिक्षकों के हाथ में ही देश के सबसे बहुमूल्य पूंजी युवाओं की डोर होती है। शिक्षा के इन युवाओं को शिक्षित और बेहतर हुनर सिखाते हैं और इन युवाओं के हुनर से ही कोई भी देश विकास कर सकता है यानी देश के विकास में शिक्षकों का एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला जी ने कहा था कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है जो कि पूरे विश्व को बदल कर रख सकता है। इस हथियार का कमान हमारे शिक्षकों के पास होता है। शिक्षक इस हथियार के द्वारा पूरे विश्व को बदलने की क्षमता रखते हैं.
शिक्षक सिर्फ हमें ज्ञान ही नहीं देता बल्कि वह हमारा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। वह हमारा ख्याल हमारे माता-पिता जैसा ही रखते हैं। हमारे जीवन में तीन ही लोग बहुत ही महत्व रखते हैं। माता पिता और शिक्षक और शिक्षक इनमें से सबसे बड़ा होता है शिक्षक हमें ज्ञान के साथ-साथ हमें दुनियादारी के समक्ष और आगे बढ़ने की साहस और आगे बढ़ने की राह में एक पथदर्शक के रूप में हमेशा हमारे साथ चलते रहते हैं।
गुरु और शिष्य की यह परंपरा हमारे संस्कृति में प्राचीन काल से है हमारे हर वेद में हमारे जीवन का सबसे उच्चतम दर्जा दिया गया है और गुरु हमारे जीवन का सबसे बहुमूल्य उपहार है क्योंकि गुरु ही हमें इस संसार के ज्ञान से अवगत कराते हैं।
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शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं (Why Celebrate Teachers’ Day in Hindi)
शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं (Why Celebrate Teachers’ Day?):- 5 सितंबर को हम डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाते हैं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे देश के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति थे उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही अहम कदम उठाए हैं और आज जिस शिक्षा का हम लाभ उठा रहे हैं। हमारे देश के शिक्षा के विकास में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने बहुत कड़ी मेहनत की है।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 में मद्रास के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे देश के एक प्रसिद्ध शिक्षक तथा बहुत दूर दृष्टि वाले विद्वान राजनेता और एक प्रसिद्ध लेखक थे।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मद्रास में ही पाई। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी सही नहीं थी पर उन्होंने इसके सामने हार नहीं माना और वह बहुत ही मेहनत किए भी बहुत ही होनहार छात्र थे उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई अपने छात्रवृत्ति के दम पर की।
उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से b.a में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने m.a की डिग्री भी मद्रास विश्वविद्यालय से ही प्राप्त की।
उन्होंने एक प्रसिद्ध सिद्धांत दिया जिसका शीर्षक “the Ethics of Vedanta and its metaphysical preposition” यह थिसिस उनकी प्रकाशित हुई और उस वक्त यह थीसिस बहुत ही प्रसिद्ध हुई।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1909 में मद्रास प्रेसिडेंसी में असिस्टेंट लेक्चरर की नौकरी मिली 1918 में उन्हें मैसूर के कॉलेज में दर्शनशास्त्र पढ़ाने के लिए लेक्चरर के तौर पर नियुक्त किया गया।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन दर्शनशास्त्र में इतने माहिर थे कि 30 साल की उम्र में उन्हें कोलकाता विश्वविद्यालय में आशुतोष मुखर्जी के द्वारा मानसिक और नैतिक ज्ञान के लिए किंग ऑफ जॉर्जी की कुर्सी से सम्मानित किया गया उस वक्त बहुत ही बड़ा सम्मान था और इस सम्मान को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने 30 वर्ष की उम्र में ही प्राप्त कर लिया।
इसके बाद में आंध्र प्रदेश के विश्वविद्यालय के कुलपति बने। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी प्रोफेसर के तौर पर काम किया है उन्होंने वहां 3 साल के लिए पूर्वी धर्म और नैतिकता के विषय में लेक्चरर की पद पर काम किया है।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1939 से 1948 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति बने।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे देश के सबसे प्रसिद्ध और महानतम शिक्षकों में से एक है उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र के लिए हमारे देश में बहुत ही अहम का क्रांतिकारी कदम उठाए हैं वह बहुत ही प्रसिद्ध लेखक थे उन्होंने हमारी संस्कृति हमारे धर्म और हमारी नैतिकता के विषय पर बहुत सारे पुस्तक लिखे हैं।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने “द फिलॉसफी ऑफ रविंद्र नाथ टैगोर”, द रीन ऑफ रीजनल इन कंटेंपरेरी फिलॉसफी, इंटरनेशनल जर्नल नैतिकता जनरल फिलॉसफी जैसी प्रसिद्ध पुस्तकें लिखी हैं।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1954 में हमारे देश के सबसे सर्वोच्च पद से सम्मानित किया गया था उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1952 से लेकर 1962 तक हमारे देश के उपराष्ट्रपति रहे और 1962 से लेकर 1967 तक हमारे देश के राष्ट्रपति रहे।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने पूरे जीवन काल में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण काम किए। आज हम उनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अतुल्य कार्यों की श्रद्धांजलि के रूप में उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।
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शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है (How is Teachers Day Celebrated in Hindi)
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है (How is teachers day celebrated):- हमारे देश के हर एक शिक्षण संस्थान मैं 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है शिक्षक दिवस की तैयारी छात्र 1 सप्ताह पहले से ही शुरु कर देते हैं।
1 शिक्षक दिवस के दिन छात्र अपने शिक्षकों की भूमिका निभाते हैं और अपने स्कूलों में शिक्षकों के जगह पर दूसरे कक्षाओं में पढ़ाने जाते हैं ऐसा करके वह 1 दिन शिक्षक के निस्वार्थ कार्य को करके देखना चाहते हैं और शिक्षकों को उनके कार्य के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहते हैं।
2 सारे छात्र शिक्षकों के लिए उपहार खरीदते हैं और शाम में एक प्रोग्राम आयोजन किया जाता है जिसमें शिक्षकों को उनके महान कार्य के लिए सम्मान तथा एक आभार व्यक्त करते है। इस दिन हम शिक्षकों को एक उपहार देते हैं इस उपहार के द्वारा हम शिक्षकों के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करते हैं।
1 शिक्षक दिवस पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम स्कूलों में आयोजन कराया जाता है इसमें बच्चे भाग लेते हैं इस कार्यक्रम में नृत्य संगीत और कई तरह के नाटक का भी आयोजन किया जाता है बच्चे इस कार्यक्रम के लिए 1 सप्ताह पहले से ही प्रैक्टिस करने लगते हैं।
1 शिक्षक दिवस हम छात्रों के लिए एक त्यौहार है जिसमें हम अपने सबसे बड़े भगवान अपने गुरु की पूजा और उनके प्रति अपनी श्रद्धा और आभार व्यक्त करते हैं।
1 शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है इसलिए इस दिन छात्र शिक्षकों के द्वारा केक कटवाते हैं।
1 शिक्षक दिवस में कई तरह के खेलकूद के प्रतियोगिता भी कराई जाती है। इस खेलकूद के प्रतियोगिता में शिक्षक भी भाग लेते हैं।
1 शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों और कक्षाओं को बहुत अच्छे तरीके से सजाया जाता है उस दिन सभी छात्र अपने शिक्षकों को प्रणाम करते हैं तथा उन्हें शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हैं।
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Conclusion
तो मुझे उम्मीद है की आपको ये आर्टिकल पढ़ के बहुत अच्छा लगा होगा की शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं (Why Celebrate Teachers’ Day in Hindi) और शिक्षक दिवस पर निबंध सरल भाषा में (Essay on Teachers Day in Hindi) इसके बारे पूरी जानकारी दिए है ताकि आपको essay लिखने में दिकत न हो और आप अच्छे तरीके से लिख पाएं.
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