Essay on Pandit Jawahar Lal Nehru in Hindi – जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध सरल भाषा में – Essay on Pandit Jawahar Lal Nehru in Hindi के बारे में बताएंगे यानी की Pandit Jawahar Lal Nehru par Nibandh kaise Likhe इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे यानी की आपको Pandit Jawahar Lal Nehru par 1200 words का essay मिलेगा इसलिए ये आर्टिकल पूरा धेयान से पूरा पढ़ना है। आपके लिए हेलफुल साबित होगी।

पंडित जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू हमारे देश के महान राजनेताओं में से एक हैं उन्होंने देश के आजादी के लिए बहुत ही संघर्ष किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गांधी जी के साथ मिलकर देश के आजादी के लिए बहुत ही आंदोलनों को सफल बनाया।

Pandit Jawahar Lal Nehru ने देश को स्वतंत्र और लोकतंत्र बनाने के लिए बहुत ही आंदोलन और बहुत ही संघर्ष किए। पंडित जवाहरलाल नेहरू एक दूरदर्शी नेता थे आजाद भारत के बाद विकास भारत की नीव पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही रखी। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत ही प्रेम था वह बच्चों को देश की भावी पीढ़ी की नीव कहते थे।

Essay on Pandit Jawahar Lal Nehru in Hindi

उनका मानना था कि बच्चे आगे की पीढ़ी के लिए एक अच्छे नीव होते हैं और उन्होंने आजादी के बाद देश के बच्चों के लिए बहुत ही कार्य किए देश की शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया तथा हर एक बच्चे को शिक्षा मिल सके उसके लिए कार्य करते रहे। उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था और इसी कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर भी पुकारते थे।

Essay on Pandit Jawahar Lal Nehru in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

पंडित जवाहर लाल नेहरू को गुलाब के फूल कभी बहुत शौक था वे अपने कोर्ट में गुलाब के फूल को हमेशा लगाते थे।उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचार से लड़ने के साथ-साथ देश में फैली कुरीतियों के साथ भी लड़ा और देश के लोगों को इन कुरीतियों से आजादी दिलाई पहले के समय में हमारे देश में छुआछूत भेदभाव जैसी बहुत ही गंदी बीमारी हमारे लोगों के मन में थी।

इन मानसिक बीमारी को दूर करने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य की। उन्होंने लोगों को जागरूक किया तथा देश के लोगों को एक किया ताकि वह अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ लड़ सके और देश के लोग एक होंगे जब उनके बीच के मतभेद और भेदभाव दूर होंगे उन्होंने इस मतभेद और भेदभाव को दूर करने के लिए लोगों के बीच में बहुत ही कार्य किया लोगों को जागरूक किया।

Pandit Jawahar Lal Nehru ने गांधी जी के साथ मिलकर देश के स्वतंत्रता में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गांधीजी के निर्देश और उनके दिखाए गए पत्र में चलते हुए पंडित  जवाहरलाल नेहरू देश के प्रमुख राजनेता बने। जिन्हें आजादी के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला।

देश की जिम्मेदारी मिली पंडित जवाहरलाल नेहरू को नए भारत के वास्तुकार भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में देश को आर्थिक रूप से मजबूत और शिक्षा के क्षेत्र में तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहुत ही मजबूती लाई जिसके कारण आजादी के बाद भारत एक महत्वपूर्ण देश बनकर उभरा।

Most Read: Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi – एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध

पंडित जवाहरलाल नेहरु की जीवनी (Biography of Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi)

पंडित ज्वाला नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1890 में इलाहाबाद में हुआ था पंडित जवाहरलाल नेहरु एक संपन्न परिवार से थे उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था मोतीलाल नेहरू देश के जाने-माने वकीलों में से एक थे। पंडित ज्वाला नेहरू जी के माता का नाम स्वरूपरानी था। जो कि लाहौर के एक पंडित परिवार से थी पंडित ज्वाल नेहरू भी कश्मीरी पंडित थे।

मोतीलाल नेहरू वकालत के साथ-साथ देश की राजनीति में भी अहम योगदान दिया उन्हें देश की राजनीति के अच्छे समझते हैं उन्होंने अंग्रेजों के बहुत से कानूनों के खिलाफ लड़ा देश के लोगों को अंग्रेजो के खिलाफ जागरूक किया तथा देश के लोगों को अपने हक के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के दो बहने थी बड़ी बहन विजयालक्ष्मी तथा छोटी बहन कृष्णा हठीसिंग। उनकी बड़ी बहन विजयलक्ष्मी आगे चलकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष बने जबकि छोटी बहन कृष्णा एक प्रसिद्ध लेखिका बने उन्होंने अपने परिवार और पंडित ज्वाला नेहरू के ऊपर कई पुस्तकें भी लिखी हैं।

पंडित  जवाहरलाल नेहरू एक धनी परिवार से थे तो उनका प्रारंभिक शिक्षा में उनके घर में ही हुआ उनके शिक्षा के लिए सबसे प्रसिद्ध शिक्षक आए थे और उन्हीं की मार्गदर्शन में उन्होंने अपने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त किए। उन्होंने अपने प्रारंभिक शिक्षा के बाद स्कूली शिक्षा के लिए वे इंग्लैंड के हैरो स्कूल गए हैं जो कि सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक है।

उसके बाद वे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय चले गए। कैंब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री पूरी की उसके बाद वे 1912 में भारत लौटे भारत लौटने के पश्चात वे इलाहाबाद के हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की।

उन्हें देश की राजनीति में बहुत ही दिलचस्पी थी और वे अपने देश के लिए कुछ करना चाहते थे और देशवासियों को अंग्रेजों के अत्याचार से छुटकारा दिलाना चाहते थे इसलिए वे देश की राजनीति में और दिलचस्पी लेने लगे। 1917 में होम रूल लीग में शामिल हुए।

Most Read: Fingers Name in Hindi – उंगलियों के नाम हिंदी में

पंडित जवाहरलाल नेहरु की शादी 1916 में कमला कॉल से हुई। Pandit Jawahar Lal Nehru गांधी जी से बहुत ही प्रभावित थे 1919 में वे गांधीजी के संपर्क में आए जब गांधीजी रोड अधिनियम के खिलाफ एक अभियान में आए हुए थे तब Pandit Jawahar Lal Nehru उनके संपर्क में आए।

पंडित जवाहरलाल नेहरू को गांधी जी के शांतिपूर्ण और अहिंसावाद आंदोलन बहुत ही प्रवाहित किया। अभी गांधी जी के दिखाए गए रास्तों पर चलने लगे और उन्होंने अपने परिवार को भी गांधीजी के उद्देश्यों के अनुसार चलने के लिए ढाल लिया अब वे महंगी संपत्ति तथा पश्चिमी कपड़ों का त्याग किया और खादी कुर्ता पजामा और गांधी टोपी पहने लगे।

राजनीति में सक्रिय होने के बाद वे देश की जनता के साथ मिलने लगा और उनके परेशानियों का निदान करने के लिए कार्यों में जुट गए वे देश के आजादी के लिए कई बार जेल भी गए।

1920 और 1922 के समय जब वे असहयोग आंदोलन में सक्रिय हुए तब वे पहली बार जेल गए। 1924 में वह इलाहाबाद के नगर निगम अध्यक्ष चुने गए और 2 साल तक वहां पर हुए मुख्य अधिकारी के तौर पर काम किए। 

1928 में जब मोतीलाल नेहरू के अध्यक्षता में कांग्रेस का वार्षिक सत्र बुलाया गया था वहां पर पंडित जवाहरलाल नेहरू सुभाष चंद्र बोस ने पूरी तरह से राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया जबकि मोती लाल नेहरू और कुछ वरिष्ठ नेता का मानना था कि वे अंग्रेजों के संरक्षण में ही राजनीतिक स्वतंत्रता हासिल करें।

पंडित जवाहरलाल नेहरू को दिसंबर 1929 में भारत राष्ट्र कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में भारत राष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया इसी समय उन्होंने 26 जनवरी को देश के तिरंगे को पहली बार लहराया। और इसी दिन उन्होंने संपूर्ण आजादी की घोषणा की और कहा आज से हर साल 26 जनवरी को हम अपना आजादी दिवस मनाएंगे।

पर हमें 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सरकार से आजादी मिली तो 26 जनवरी की महत्वता को देखते हुए इसी दिन हमारे देश में गणतंत्र को लागू किया गया और देश के संविधान को लागू किया गया।

Most Read: Hindi Names of Planets – ग्रहों के नाम पूरी जानकारी

 प्रधानमंत्री:  15 अगस्त 1947 में आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु बने पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने उस वक्त सबसे बड़ी चुनौती थी कि सारे रजवाड़ों को एक साथ देश में समाहित करना

अंग्रेजों ने आजादी के वक्त 500 रजवाड़ों को आजादी दी तभी हमारे देश के नेता और प्रधानमंत्री के सामने एक चुनौती रजवाड़ों को एक साथ लाने की आई। पंडित ज्वाला नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस कार्य को बखूबी पूरा किया और सारे रजवाड़ों को एक साथ ले आए इसीलिए हमारा देश आज संप्रभुता में एकता का देश कहा जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू बहुत ही दूरदर्शी नेता थे उन्होंने देश के आर्थिक और औद्योगिक करने के लिए देश में बहुत सारी योजनाएं लाये। 

प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने योजना आयोग विज्ञान आयोग और पंचवर्षीय योजना का आरंभ किया उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया।

देश की राजनीति और देश के विकास में पंडित जवाहरलाल नेहरू बहुत ही प्रमुख नेता थे। 1955 को उन्हें देश का सर्वोत्तम पुरस्कार भारत रत्न से नवाजा गया। उन्होंने अंतिम समय तक अपने देश की सेवा की अपने कार्यकाल के दौरान ही दिल का दौरा पड़ने से 27 मई 1964 को उनका देहांत हो गया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्रेम था इसीलिए आज पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है।

Leave a Comment